अकादमी के प्रकाशन

चौमासा | अनुषंग | अन्य पुस्तकें


चौमासा

चौमासा - ग्राम्य कलाओं, परम्पराओं, वाचिकता एवं अन्य संस्कृति रूपों पर केन्द्रित चैमासिक पत्रिका है। चैमासा का प्रकाशन जनजातीय लोककला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल द्वारा वर्ष 1983 से निरन्तर किया जा रहा है। पत्रिका के कुछ अंक विशिष्ट विषय पर आधारित विशेषांक के रूप में भी प्रकाशित किये गये हैं।


अंक-55, मार्च-जून, 2001

अंक-56, जुलाई-अक्टूबर, 2001

अंक-57, नवम्बर, फरवरी-2002

अंक-58, मार्च-जून, 2002

अंक-59, जुलाई-अक्टूबर, 2002

अंक-60/61 संयुक्तांक नवम्बर-02, फरवरी/मार्च-जून, 2003

अंक-62, जुलाई-अक्टूबर, 2003

अंक-63, नवम्बर-03, फरवरी-2004

अंक-64, मार्च-जून, 2004

अंक-65, जुलाई-अक्टूबर, 2004

अंक-66, नवम्बर-फरवरी,2005

अंक-67, मार्च-जून,2005

अंक-68, जुलाई-अक्टूबर,2005

अंक-69, नवम्बर-फरवरी,2006

अंक-70, मार्च-जून,2006

अंक-71, जुलाई-अक्टूबर,2006

अंक-72, नवम्बर, फरवरी,2007

अंक-73, मार्च-जून,2007

अंक-74, जुलाई-अक्टूबर,2007

अंक-75, नवम्बर-फरवरी,2008

अंक-76, मार्च-जून,2008

अंक-77, जुलाई-अक्टूबर,2008

अंक-78, नवम्बर-फरवरी,2009

अंक-79, मार्च-जून,2009

अंक-80, जुलाई-अक्टूबर, 2009

अंक-81, नवम्बर-फरवरी,2010

अंक-82, मार्च-जून,2010

अंक-83, जुलाई-अक्टूबर,2010

अंक-84, नवम्बर-फरवरी,2011

अंक-85, मार्च-जून,2011

अंक-86/87 संयुक्तांक जुलाई-अक्टूबर,2011,नवम्बर-11/फरवरी-2012

अंक-88, मार्च-जून,2012

अंक-89, जुलाई-अक्टूबर,2012

अंक-90, नवम्बर-फरवरी,2013

अंक-91, मार्च-जून,2013

अंक-92, जुलाई-अक्टूबर,2013

अंक-93, नवम्बर-फरवरी,2014

अंक-94, मार्च-जून,2014

अंक-95, जुलाई-अक्टूबर,2014

अंक-96, नवम्बर-फरवरी,2015

अंक-97, मार्च-जून,2015

संयुक्तांक 98-99, जुलाई-अक्टूबर,2015/नवम्बर-फरवरी,2016

संयुक्तांक 100-101, मार्च - अक्टूबर, 2016

अंक-102, नवम्बर 2016 - फरवरी 2017

अंक-103, मार्च - जून, 2017

अंक-104, जुलाई - अक्टूबर, 2017

अंक-105, नवम्बर, 2017 - फरवरी, 2018

अंक-106, मार्च - जून, 2018

अंक-107, जुलाई - अक्टूबर, 2018

अंक-108, नवम्बर 2018- फरवरी 2019

अंक-109, मार्च - जून 2019

अंक-110, जुलाई - अक्टूबर 2019

अंक - 111, नवम्बर 2019 - फरवरी 2020 

अंक - 112, मार्च-जून 2020

अंक-113, जुलाई - अक्टूबर 2020

अंक - 114, नवम्बर 2020 - फरवरी 2021 

अंक - 115, मार्च-जून 2021

अंक-116, जुलाई - अक्टूबर 2021

अंक - 117, नवम्बर 2021 - फरवरी 2022 

अंक - 118, मार्च - जून 2022 

अंक-119, जुलाई - अक्टूबर 2022

अंक - 120, नवम्बर 2022 - फरवरी 2023 

अंक - 121, मार्च - जून 2023 

अंक-122, जुलाई - अक्टूबर 2023
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अंक - 123, नवम्बर 2023 - फरवरी 2024
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अंक - 121, मार्च - जून 2023 

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जीवन की भोर बेला यानी बचपन और उसके खेलों पर आधारित प्रदर्शनी इस दीर्घा में लगायी गई है। आदिवासी समुदायों में भौतिक वस्तुएँ नहीं के बराबर हैं...

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